Tilkut Chauth 2023 Kab Hai Til Chauth Puja Vidhi Muhurat Significance Moon Rise Time

Tilkut Chauth 2023 Date, Puja Vidhi Muhurat Significance: तिलकुट चौथ हिंदू धर्म का महत्वपूर्ण त्योहार होता है. इसे तिलकुट चौथ, तिलकुट चतुर्थी, संकटा चौथ और सकट चौथ भी कहा जाता है. पंचांग के अनुसार तिलकुट चौथ का पर्व माघ महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को पड़ती है. इस साल तिलकुट चौथ मंगलवार 10 जनवरी को है. खास बात यह है कि तिलकुट चौथ नए साल 2023 और माघ महीने का पहला पर्व भी है.

माह की चतुर्थी तिथि भगवान श्रीगणेश को समर्पित होती है. ऐसे में तिलकुट चौथ के दिन भी भगवान गणेश की विधि-विधान से पूजा की जाएगी और व्रत रखा जाएगा. साथ ही इस दिन चंद्रमा पूजन का भी महत्व होता है. रात्रि में चंद्रोदय के बाद चंद्रमा को अर्घ्य देकर व्रत खोलने की परंपरा है, तभी तिलकुट चौथ का व्रत संपन्न माना जाता है.

पौराणिक कथा के अनुसार, माघ कृष्ण पक्ष की चतुर्थी के दिन ही भगवान गणेश ने माता पार्वती और भगवान शिव की परिक्रमा की थी. इसलिए इस व्रत को संतान के लिए फलदायी माना गया है. व्रत को करने से संतान को दीर्घायु की प्राप्ति होती है और संतान तनाव, रोग और नकारात्मका से दूर रहते हैं. जानते हैं तिलकुट चौथ पर गजानन की पूजा के लिए विधि, मुहूर्त और चंद्रोदय का समय.

तिलकुट चतुर्थी 2023 मुहूर्त  

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  •  माघ कृष्णपक्ष चतुर्थी तिथि आरंभ: मंगलवार 10 जनवरी 2023, दोपहर 12:09 से
  • माघ कृष्णपक्ष चतुर्थी तिथि समाप्त: बुधवार 11 जनवरी 2023, दोपहर 02:31 तक
  • चंद्रोदय समय  – 10 जनवरी, रात्रि 8:50 मिनट
  • शाम में पूजा के लिए मुहूर्त  10 जनवरी, संध्या 05:49 – 06:16 तक

तिलकुट चौथ पूजा विधि

तिल चौथ की पूजा के लिए इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और इसके बाद साफ कपड़े पहन लें. व्रताधारी को इस दिन लाल या पीले रंग के कपड़े पहनना शुभ होता है.

पूजा के लिए अपना मुख पूर्व या उत्तर दिशा की ओर रखें और साफ आसन बिछाकर बैठ जाएं. पूजा के लिए एक चौकी तैयार कर लें और पीले रंग का कपड़ा बिछाकर इसमें भगवना गणेश की मूर्ति या तस्वीर को स्थापित करें.

भगवान का हल्दी और कुमकुम से तिलक करें. फूल, माला, मौली, रोली, 21 दुर्वा, अक्षत, पंचामृत, फल और मोदक का भोग आदि अर्पित करें. अब धूप-दीप जलाएं और गणेशजी की आरती करें. रात्रि में चंद्रोदय के बाद चंद्रमा को दूध और जल से अर्घ्य दें और पूजा करें. इसके बाद व्रत का पारण करें.

तिलकुट चौथ पर चंद्रमा को अर्घ्य देने का महत्व और लाभ

शास्त्रों में चंद्रमा को मन का कारक कहा गया है. तिलकुट चौथ पर चंद्रमा को अर्घ्य देने से मन में आने वाले नकारात्मक विचार दूर होते हैं और इससे स्वास्थ्य लाभ होता है.

साथ ही कुंडली में चंद्र की स्थिति भी मजबूत होती है और चंद्र दोष दूर होता है. वहीं इस दिन चंद्रमा को जल और दूध का अर्घ्य देकर पूजा करने से संतान दीर्घायु होती है और सौभाग्य का आशीर्वाद भी प्राप्त होता है.

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Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.

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