Ved Vaani, Vedas: वेद-पुराणों के माध्यम से मनुष्यों को आध्यात्मिक जीवन जीने की प्रेरणा मिलती है. स्मृतियों, उपनिषदों और पुराणों से भी वैदिक ज्ञान की प्राप्ति होती है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि वेदों के रचयिता कौन हैं और किसके द्वारा लिखा गया है हिंदू धर्म का सबसे पुराना ग्रंथ ‘वेद’.
वेदों के प्रकार (Types of Vedas)
- ऋग्वेद (Rigveda)
- यजुर्वेद (Yajurveda)
- सामवेद (Samaveda)
- अथर्ववेद (Atharvaveda)
कौन हैं वेद के रचयिता? (Vedas Written)
वेद इसलिए भी खास है क्योंकि इसकी रचना मनुष्यों द्वारा नहीं की गई है. कहा जाता है कि भगवान से ऋषियों, ऋषियों से शिष्य और इसी तरह से आमजनों तक वेदों का ज्ञान पहुंचा. इसलिए वेद को श्रुति भी कहते हैं. ‘श्रुति’ का अर्थ है ‘सुना’ हुआ. वेदों को ईश्वर ने सूक्ष्म तरंगों के रूप में ऋषियों को तब प्रकट किया, जब वे ज्ञान के लिए गहन तपस्या में थे.
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इसलिए वेदों को ऋषियों ने सुना और उन्हें ‘श्रुति’ कहा गया. ऋषियों ने मानवजाति के लाभ व कल्याण के लिए इस ज्ञान को साझा किया और अपने शिष्यों को वेदों को ज्ञान सुनाने लगे. इसके बाद शिष्यों ने अपने शिष्यों को वेदों का ज्ञान पढ़ाया.
इसलिए यह कहा जाता है कि वेद नित्य है, इसे किसी के द्वारा नहीं बनाया गया है. इसलिए वेदों की उत्पत्ति का पता नहीं लगाया जा सकता है. पिछले दस हजार वर्षों से अधिक समय में वेदों को मनुष्यों द्वारा सरल भाषा का उपयोग करके लिखा गया है.
वेदों को किसके द्वारा लिखा गया (Vedas Written By)
कहा जाता है कि वेद अनंत हैं और वेदों के ज्ञान का न आदि है और न अंत. वेदों के संपूर्ण ज्ञान को ऋषि वेदव्यास द्वारा 4 प्रकारों (ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद और अथर्ववेद) में विभाजित किया गया था. महर्षि वेदव्यास दी द्वारा वेद को लिखा गया है. लेकिन वेदव्यास जी द्वारा वेदों को केवल लिपिबद्ध किया गया है.
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