Chandra Darshan 2022 December After Paush Amavasya Know Puja Vidhi Mantra Importance And Moon Rise Time

Chandra Darshan 2022 Date Puja Time and Importance: हिंदू धर्म में केवल देवी-देवता ही नहीं बल्कि सूर्य, चंद्रमा, पृथ्वी, आकाश और नदियों की भी पूजा का महत्व है. धार्मिक ग्रंथों में चंद्रमा को देवता और ग्रह माना गया है. कई पर्व-त्योहारों में चंद्रमा के पूजन और दर्शन का महत्व होता है. लेकिन पंचांग के अनुसार हर महीने अमावस्या के बाद शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा के दिन चंद्र दर्शन को शुभ और पुण्य फलदायी माना गया है. जानते हैं आखिर क्यों अमावस्या के बाद के चंद्र दर्शन को शुभ माना जाता है और साल का अंतिम चंद्र दर्शन दिसंबर महीने में किस दिन होगा.

दिसंबर 2022 में कब होगा चंद्र दर्शन

अभी अंग्रेजी कैलेंडर का दिसंबर (साल का अंतिम महीना) और हिंदू पंचांग के अनुसार पौष का महीना (साल का 10 वां महीना) चल रहा है. पौष मास की अमावस्या 23 दिसंबर 2022 को है. पौष अमावस्या के अगले दिन यानी 24 दिसंबर को चंद्र दर्शन करना शुभ होगा. यह साल का अंतिम चंद्र दर्शन होगा. इस दिन चंद्रमा के दर्शन और पूजन को शुभ व पुण्य फलदायी माना जाता है.

चंद्रोदय का समय

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शनिवार 24 दिसंबर के दिन पंचांग के अनुसार पौष शुक्लपक्ष की प्रतिपदा तिथि है. इस दिन चंद्रोदय का समय शाम 05:30-06:22 बजे तक है.  

चंद्र दर्शन लाभ (Chandra Darshan 2022 Benefits)

शास्त्रों में वर्णित है कि अमावस्या के बाद चंद्र दर्शन करने से शुभ और पुण्य फलों की प्राप्ति होती है.  ऐसे लोग जिनकी कुंडली में चंद्रमा की स्थिति प्रतिकूल होती है उन्हें शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा के दिन यानी अमावस्या के अगले दिन चंद्र दर्शन जरूर करना चाहिए. इससे जातक को चंद्र ग्रह से शुभ फल मिलने लगते हैं.

साथ ही चंद्रमा की पूजा भी करनी चाहिए. चंद्रमा की पूजा से जीवन में सुख-समृद्धि आती है और सौभाग्य की प्राप्ति होती है. ज्योतिष में चंद्रमा को मन का कारक कहा गया है. इसलिए ऐसे व्यक्ति जिनका मन अशांत रहता हो ,उन्हें भी इस दिन चंद्र दर्शन और पूजन करने से लाभ होता है.

चंद्र दर्शन पूजा विधि (Chandra Darshan 2022 Puja Vidhi)

पौष शुक्ल पक्ष प्रतिपदा के दिन स्नानादि कर साफ कपड़े पहनें. शाम में चंद्रोदय होने पर विधिवत पूजा करें. सबसे पहले चंद्रमा को जल से अर्घ्य दें और फिर चंद्रमा को रोली, फूल अर्पित कर धूप-दीप जलाएं. इस दिन चंद्र देव को खीर का भोग लगाना शुभ माना जाता है. चंद्र देव की पूजा में इन विशेष मंत्रों का जाप करें…

चंद्र देव वैदिक मंत्र

ॐ इमं देवा असपत्नं ग्वं सुवध्यं।
महते क्षत्राय महते ज्यैश्ठाय महते जानराज्यायेन्दस्येन्द्रियाय इमममुध्य पुत्रममुध्यै
पुत्रमस्यै विश वोsमी राज: सोमोsस्माकं ब्राह्माणाना ग्वं राजा।

चंद्र देव का बीज मंत्र

ऊॅँ श्रां श्रीं श्रौं स: चंद्राय नम:

चंद्र देव मंत्र

ॐ श्रां श्रीं श्रौं स: चन्द्रमसे नम:।
ॐ ऐं क्लीं सोमाय नम:।
ॐ श्रीं श्रीं चन्द्रमसे नम:।

चन्द्रमा नाम मंत्र –  ॐ सों सोमाय नम:।
 
चंद्रमा गायत्री मंत्र – ॐ भूर्भुव: स्व: अमृतांगाय विदमहे कलारूपाय धीमहि तन्नो सोमो प्रचोदयात्।
 
चंद्रमा पौराणिक मंत्र- दधिशंखतुषाराभं क्षीरोदार्णव सम्भवम। नमामि शशिनं सोमं शंभोर्मुकुट भूषणं ।।

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