Budh Pradosh Vrat 2022 Date Puja Vidhi Rudrabhishek Benefit On Last Pradosh Vrat In This Year

Budh Pradosh Vrat 2022: रदोष व्रत जीवन के तमाम दोषों का नाश करने वाला व्रत माना जाता है. भोलेनाथ की भक्ति के लिए हर माह की त्रयोदशी पर प्रदोष व्रत रखने का विधान है. 21 दिसंबर 2022 को इस साल का आखिरी बुध प्रदोष व्रत बहुत ही खास योग में रखा जाएगा.

शिव महापुराण में महादेव को प्रसन्न करने के कई उपाय बताए गए हैं, जिन्हें प्रदोष व्रत के दिन किया जाए तो जल्द बुरे दिन टल जाते हैं. कहते हैं कि संहार के देवता शिव शंभू जिसपर अपनी कृपा दृष्टि डालते हैं उसकी बेड़ा पार हो जाता है.

महाकाल उसकी मृत्यु तक टाल देते हैं. पुराणों के अनुसार पौष बुध प्रदोष व्रत की पूजा में शिव जी का 7 सफेद चीजों से अभिषेक करना चाहिए. ये उपाय साधक को मनचाहा फल प्रदान करता है.

  1. दही – शादीशुदा जीवन में सुख और शांति का अभाव है, आए दिन बिना बात के पति-पत्नी में झगड़े होते हैं तो शंकर जी का दही से रुद्राभिषेक करें. इससे जीवन में स्थिरता आती है. पति-पत्नी के बीच तालमेल बनता है.
  2. घी– संतान संबंधी कोई समस्या है या माता-पिता बनने का सौभाग्य प्राप्त नहीं हो रहा तो साल के आखिरी प्रदोष व्रत के दिन भगवान महादेव के लिंग पर शुद्ध देसी घी का अभिषेक करना चाहिए. मान्यता है कि वंश वृद्धि के लिए ये उपाय बहुत कारगर है.
  3. दूध- शिव जी ऐसी वस्तु अति प्रिय हैं जो उन्हें शीतलता प्रदान करती है जैसे दूध. बुध प्रदोष व्रत में भोलेनाथ का दूध की धारा से अभिषेक करने पर बुद्धि-विवेक में वृद्धि होती है. आरोग्य का वरदान चाहते हैं तो इस दिन शाम के समय गाय के कच्चे दूध से भोलेनाथ का रुद्राभिषेक करें. इस दौरान महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें. ये उपाय  गंभीर बीमारियों से छुटकारा दिलाता है.
  4. चीनी- शिव पुराण के अनुसार प्रदोष व्रत में महादेव का चीनी से अभिषेक करने से दुख और दरिद्रता पास भी नहीं भटकते. घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है. लक्ष्मी, ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है.
  5. चावल –  अक्षत पूर्णता का प्रतीक है. महादेव की पूजा में अक्षत चढ़ाने का भाव यह है कि हमारी पूजा अक्षत की तरह पूर्ण हो, इसमें कोई बाधा न आए. धन, संपत्ति, बरकत में बढ़ोत्तरी के लिए शिवलिंग पर चावल चढ़ाने से जल्द लाभ मिलता है. 
  6. सफेद चंदन- बुध प्रदोष व्रत के दिन अभिषेक के बाद शिवलिंग पर सफेद चंदन से त्रिपुंड बनाने और बचे हुए चंदन को अपने माथे पर प्रसाद के रूप में लगा लें. मान्यता है इससे  साधक का समाज में मान-सम्मान बढ़ता है. मानसिक शांति मिलती है. तनाव दूर होते हैं.
  7. सफेद आंक का फूल  – आंक को मदार का फूल भी कहा जाता है. ये पुष्प भोलेनाथ को अति प्रिय है. मान्यता है कि प्रदोष व्रत में इस फूल से शंकर जी की पूजा करने पर कष्टों का नाश होता है. बुरा वक्त जल्द खत्म होने लगता है . साथ ही मनुष्य को मोक्ष की प्राप्ति होती है.

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