Union budget 2022: टैक्सपेयर्स को इस बार बजट से कोई भी नयी रियायत नहीं मिली है लेकिन कुछ एक नए टैक्स जरूर भरने पड़ सकते हैं। इस बार बजट में वित्तमंत्री ने डिजिटल एसेट को लेकर टैक्स लगाने की घोषणा की है। इस पर आपको 30% का टैक्स देना पड़ेगा। टैक्सपेयर के लिए एक राहत की बात है कि वह असेसमेंट साल की समाप्ति से दो वर्षों के भीतर टैक्स के भुगतान पर अपडेटेड रिटर्न दाखिल कर सकेंगे। ऐसे में अगर कोई गलती हो जाती है या कुछ भूल जाते हैं तो उसमे सुधार संभव है। अब देखते हैं बजट से आपके ऊपर कैसे असर पड़ेगा-
क्या हैं इस बार बजट में टैक्सपेयर्स के लिए सबसे बड़ी घोषणाएं
टैक्सपेयर असेसमेंट साल की समाप्ति से दो वर्षों के भीतर किए गए टैक्स के भुगतान को अपडेट करके नया रिटर्न दाखिल दाखिल कर सकेंगे। वित्तमंत्री के अनुसार, नया प्रावधान स्वैच्छिक कर फाइलिंग सुनिश्चित करेगा और मुकदमेबाजी को कम करेगा। बजट में डिजिटल एसेट पर टैक्स लाया गया है। वर्चुअल और डिजिटल एसेट की आय पर 30% का टैक्स लगेगा, इसमें एक्वीजीशन कॉस्ट के अलावा और कोई अन्य कटौती मान्य नहीं होगी। बजट में अन्य आय को लेकर कोई सेट ऑफ की अनुमति नहीं दी गई है। इसके अलावा डिजिटल संपत्ति के हस्तांतरण पर किए गए भुगतान पर 1% टीडीएस लगाया जाएगा।
एनपीएस में राहत
कर्मचारियों को एनपीएस में कुछ सौगात दी गई है। एनपीएस में नियोक्ता के योगदान के लिए कटौती केंद्र सरकार के कर्मचारियों के बराबर राज्य सरकार के कर्मचारियों के लिए पहले के 10% से बढ़कर 14% हो गई है। हालांकि, केंद्र सरकार के कर्मचारियों को पहले से 14 फीसदी की टैक्स डिडक्शन लिमिट का फायदा मिल रहा है। सरकार का यह कदम राज्य और केंद्र सरकार के कर्मचारियों के बीच समानता लाने का काम करेगा। साथ ही, इससे सोशल सिक्योरिटी बेनेफिट्स में बढ़ोतरी होगी। प्राइवेट सेक्टर के एंप्लॉयीज के लिए टैक्स बेनेफिट अभी 10 फीसदी ही है।
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