Agni Religious Significance Panchatatva Hawan Puja Agni Dharmik Mahatva

Panchatatva: सृष्टि पांच तत्वों से मिलकर बनी है, अग्नि, वायु, जल, आकाश, पृथ्वी. ये पंचमहाभूत माने गए हैं जिनसे सृष्टि का प्रत्येक पदार्थ बना है. प्रकृति के ये पांच तत्वों के संतुलन से ही जीवन का चक्र चलता है. मनुष्य जीवन की बात करें तो अगर इनमें से किसी एक का भी शरीर में न होना मृत्यु के करीब ला देता है. धर्म में इनमें पांचों में सबसे ज्यादा ताकतवर तत्व अग्नि को माना गया है. आइए जानते हैं इसका धार्मिक महत्व

अग्नि का धार्मिक महत्व (Agni Significance)

  • संसार के इन पांच तत्वों में अग्नि को सबसे प्रभावशाली और विनाशकारी शक्ति माना जाता है. अग्नि तत्व ऊर्जा, ताप और प्रकाश का प्रतीक है. हिंदू धर्म में अग्नि को उच्च कोटि का देवता माना गया है.
  • मनुष्य के जन्म से लेकर मरण तक अग्नि देव बहुत महत्व रखते हैं. शुभ कार्यों में अग्नि देव के रूप में हवन किया जाता है, पूजा-पाठ में दीपक प्रज्वलित करने के लिए अग्नि बहुत जरुर है.
  • शादी विवाह में अग्नि के ही समक्ष सात फेरे लिए जाते हैं. इसे ही साक्षी मानकर वर-वधू सात जन्मों के बंधन में बंधते हैं क्योंकि अग्नि को बहुत पवित्र माना गया है.
  • अंतिम समय में यानी कि दाह संस्कार में भी अग्नि की आ‌वश्यकता होती है. हिंदू मान्यता के अनुसार अग्नि को चिता में प्रज्वलित करने के बाद ही मृतक को शांति मिलती है अग्नि तमाम पापों का नाश कर सभी चीजों को स्वीकार करती है.
  • देवी-देवताओं तक अपनी प्रार्थना और उन्हें भोज्य समाग्री पहुंचाने का एकमात्र रास्ता है. दिव्य ज्योति के रूप में व्यक्ति ईश्वर का आव्हान करता है. कहते हैं जहां ज्योत जलती है वहां स्वंय भगवान मौजूद रहते हैं, ये अग्नि द्वारा ही संभव है. वहीं यज्ञ और हवन के जरिए व्यक्ति देवी-देवताओं को विशेष सामग्री पहुंचाता है. अग्नि के जरिए ही देवतागण हवन सामग्री ग्रहण करते हैं.
  • शास्त्रों में अग्नि के 49 प्रकार बताए गए हैं, हर एक काम के लिए अग्नि का अपना महत्व होता है. बिना अग्नि के सृष्टि का पालन और संहार दोनों संभव नहीं है. ज्योतिष शास्त्र में सूर्य और मंगल अग्नि प्रधान ग्रह होने से अग्नि तत्व के स्वामी माने गए हैं.

मनुष्य जीवन के लिए अग्नि का महत्व

मनुष्य जीवन अग्नि के बिना संभव नहीं है. हमारे शरीर में अग्नि ऊर्जा के रूप में विद्यमान है. इसके कारण ही शरीर को शक्ति और बल मिलता है. शरीम में गर्माहट की वजह अग्नि ही होती है.

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