इंदौर. यूं तो इंदौर नगर निगम की पहचान देश भर में सफाई में अव्वल लाने के लिए की जाती रही है, लेकिन बीते कुछ दिनों से यहां रिश्वतखोरी के कई मामले सामने आ रहे हैं, जिससे अब शहर भर में ही नगर निगम की पहचान रिश्वतखोरी के नाम पर होने लगी है. नगर निगम चुनाव के वक़्त भ्रष्टाचार पर लगाम और रिश्वतखोरी पर नकेल कसने का वादा किया गया था.
दरअसल इंदौर के तिलक नगर इलाके में स्थित जोन 19 के वार्ड 50 के नगर निगम के सफाई दरोगा को लोकायुक्त ने 11 हजार रूपये की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया है. इसी वार्ड में रेखाबाई नाम महिला सफाईकर्मी के तौर पर पदस्थ थी. महिला सफाई कर्मी की दोनों वक़्त की उपस्थिति दर्ज करने और पूरा वेतन पास करने के एवज में वह पैसों की मांग कर रहा था. नगर निगम के दारोगा का नाम संजय संगत है. वह प्रतिमाह वेतन पास करने के नाम पर 5500 रूपये की मांग कर रहा था. महिला सफाईकर्मी के बेटे ने रिश्वत के लिए परेशान करने की शिकायत लोकायुक्त से की थी.
लोकायुक्त ने लिखित शिकायत के बाद मामले की जांच शुरू की,और सत्यापन के बाद ट्रैप दल का गठन किया. ट्रैप दल ने बुधवार दोपहर तिलक नगर इलाके में नगर निगम के दारोगा को रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की विभिन्न धाराओं केस दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है. दरसअल यह पहला मामला नहीं है. एक सप्ताह में इसी तरह का ये दूसरा मामला सामने आया है, जहां लोकायुक्त ने नगर निगम के दारोगा को गिरफ्तार किया है.
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इससे पहले बीते शुक्रवार को हरसिद्धि जोन पर भी नगर निगम के दारोगा को लोकायुक्त ने रिश्वत लेते पकड़ा था. महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने पदभार ग्रहण करने कुछ दिनों बाद ही ऐसे कुछ स्थानों को चिन्हित किया था, जहा रिश्वतखोरी के बिना काम नहीं होता था लेकिन बावजूद इसके अस्थायी कर्मचारियों की उपस्थिति और वेतन पास करवाने के नाम पर जमकर रिश्वत का खेल चल रहा है.
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Tags: Indore news, Mp news
FIRST PUBLISHED : December 14, 2022, 20:40 IST
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