नाम और पता बदलकर चकमा देता रहा, फिर 13 साल बाद ‘टैटू’ की वजह से वॉन्टेड चोर तक ऐसे पहुंची पुलिस

नई दिल्ली: एक चोर नाम बदलकर कई सालों तक पुलिस की नजरों से बचता रहा, मगर उसके हाथ पर बने टैटू ने उसे आखिरकार जेल की सलाखों के पीछे पहुंचा ही दिया. दरअसल, डकैती के एक मामले में वॉन्टेड आरोपी को पुलिस ने गुरुवार को गिरफ्तार कर लिया. पुलिस ने उसके हाथ पर बने टैटू से उसकी पहचान की, जिस पर लिखा था ‘विनोद-वैशाली’. आरोपी चोर 10 साल से फरार चल रहा था और नाम बदल-बदलकर पुलिस की आखों में धूल झोंक रहा था.

हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, आरोपी चोर की पहचान विनोद जुगलकिशोर वैष्णव के रूप में हुई है. पुलिस के मुताबिक, 36 वर्षीय विनोद नवी मुंबई पुलिस द्वारा एक अलग मामले में गिरफ्तार किए जाने के बाद तलोजा जेल में बंद था. हालांकि, चूंकि आरोपी ने विभिन्न थानों को अलग-अलग नाम बताए थे, इसलिए पुलिस के लिए उसका पता लगाना मुश्किल हो गया था.

पुलिस के मुताबिक, वह जमानत पर रिहा हो गया था और करीब 13 वर्षों से गायब था. वह कोर्ट की सुनवाई में भी नहीं आता था. उसके बाद दादर मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट कोर्ट ने उसे फरार अपराधी घोषित कर दिया था. साल 2019 में विनोद वैष्णव ने एक मोटरसाइकिल चुराई और फिर अन्य डकैती की घटनाओं को अंजाम दिया. उसके खिलाफ आरएके मार्ग पुलिस थाने में मुकदमा दर्ज हुआ.

पुलिस के मुताबिक, पुलिस की टीम ने वर्ली, साकी-नाका से लेकर नागपुर तक में उसे पकड़ने के लिए दबिश दी, मगर वह पुलिस से बचता रहा. आरोपी न केवल नाम बदल रहा था, बल्कि वह लगातार अपने ठिकाने को भी बदलता रहता था. इससे उसे पकड़ना पुलिस के लिए मुश्किल हो गया था. पुलिस के पास उसकी फोटो भी नहीं थी. हालांकि, पुलिस को यह बात बता थी कि उसके हाथ पर एक टैटू है.

हालांकि, पुलिस को साकी-नाका में उसके खिलाफ कुछ इनपुट मिले. पुलिस टीम ने वहां एक महिला से मुलाकात की, जिसने उन्हें बताया कि वैष्णव गिरफ्तार होने के बाद तलोजा जेल में बंद था और उस पर मकोका के तहत मामला भी दर्ज किया गया था. हालांकि, जब पुलिस ने तलोजा जेल के रिकॉर्ड की जांच की तो उसे वहां किसी नाम का व्यक्ति दर्ज नहीं मिला.

पुलिस ने बताया, ‘बाद में हमने जेल का दौरा करने और जानकारी की जांच करने का फैसला किया. जब हम तलोजा जेल गए तो हमें विनोद किशोर वैष्णव नाम का एक व्यक्ति मिला, जो जेल में बंद था. जब हमने उसके बारे में विस्तार से जांच की, तो हमने पाया कि वह नागपुर का रहने वाला है और उसकी डिटेल उस आरोपी से मेल खा रही थी, जिसकी पहचान पुलिस को थी. इसलिए पुलिस ने उसे सामने बुलाने का फैसला किया.

जब वैष्णव को बुलाया गया तो टैटू की वजह से पुलिस अधिकारियों को उसकी पहचान करने में जरा भी समय नहीं लगा. उसके दाहिने हाथ पर बने टैटू से पुलिस को उसकी पहचान करने में मदद मिली. इसके बाद उसे दादर कोर्ट में पेश किया गया, जहां पुलिस को उसे हिरासत में लेने की अनुमति मिल गई. पुलिस के अनुसार, वैष्णव भायखला, विक्रोली और दादर में डकैती और चोरी के 13 मामलों में शामिल था.

Tags: Crime News, Mumbai

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